विदित है कि पिछले कई वर्षों से राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा प्रीपेड मीटर के विरुद्ध मांग- पत्र ,नागरिक कन्वेंशन, धरना-प्रदर्शन एवं जन आंदोलन के बावजूद राज्य सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है। जबकि आज यह विभागीय जांच एवं अखबारों आदि से प्रमाणित हो गया है कि पुराने मीटर के वनिस्पत प्रीपेड मीटर में तेजी के साथ यूनिट चलती है। यह सभी कार्य बनता बिहार – बढ़ता बिहार के नाम पर की जा रही है। जबकि यह हकीकत है कि राज्य की आबादी का 51.91% लोग गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर करते हैं वही राष्ट्रीय साक्षरता दर से काफी नीचे रहने वाली जनता को प्रीपेड मीटर की रिचार्ज की जवाबदेही से नवाजा गया है। इन्हीं परिस्थिति जन्य संघर्ष की निरंतरता व सही दिशा में ले जाने के लिए “प्रीपेड मीटर हटाओ विद्युत उपभोक्ता मंच” का गठन कर, संपूर्ण राज्य में समयबद्ध एवं दृढ़ संकल्प के साथ विभिन्न जन संगठनो, नागरिक मंचो, राजनीतिक कार्यकर्ताओं एवं अन्य इंसाफ पसन्द जनता को लामबंद कर सरकार के विरुद्ध आर-पार की संघर्ष का संकल्प लिया गया है।

हर घर की यही पुकार  प्रीपेड मीटर का करो इनकार!  प्रीपेड मीटर का करो इनकार!

हम सभी से अपील करते हैं कि इस अन्याय के खिलाफ उठ खड़े हों और “प्रीपेड मीटर हटाओ विद्युत उपभोक्ता मंच” के संघर्ष में शामिल होकर अपने अधिकारों की रक्षा करें। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम एकजुट होकर सरकार पर दबाव डालें, ताकि प्रीपेड मीटरों को हटाया जा सके और सभी को सस्ती व सुलभ बिजली मिल सके। आइए, इस मुहिम का हिस्सा बनें और एक न्यायपूर्ण समाज के निर्माण में अपना योगदान दें।